बिहार अंतरजातीय विवाह योजना 2025: शादी पर मिलेंगे ₹2.5 लाख, जानें कैसे उठाएं लाभ?

Bihar Inter-Caste Marriage Scheme: पूरे भारत में बिहार एक ऐसा पहला राज्य है जहां पर सरकार जाति प्रथा और भेदभाव को हटाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने एक बहुत ही चालाकी से योजना का घोषणा कर दिया है जिसे अंतरजातीय विवाह योजना के नाम से जाना जाता है और यह योजना पिछले 7 वर्षों से चला आ रहा है। बहुत ऐसे भी जानता या लोग है जिन्हें अभी तक इसके बारे में मालूम ही नहीं था। जी हां यदि आपने अभी तक इसके बारे में नहीं जानते थे तो इस लेख के द्वारा आपको यहां पर अंतरजातीय विवाह योजना केसभी नियमों और जानकारी को बताया जाएगा।

इस योजना के अनुसार यदि आप बिहार के मूल निवासी हैं पुरुष हो या महिला अपने जाति को छोड़कर किसी दूसरे जाति में विवाह करते हैं तो उन्हें अंतरजातीय विवाह कहा जाता है और इसी प्रथम को हटाने के लिए सरकार उन्हें प्रोत्साहन के रूप में ₹250000 रुपए प्रदान करती है। मैं एक बात आप सभी को बता दूं यहां पर बिहार का कोई भी जाती क्यों ना हो लेकिन पुरुष और नारी के बीच समान जाती नहीं रहना चाहिए ऐसे व्यक्ति को ही सरकार प्रोत्साहित करती है।

अंतरजातीय विवाह क्या होता है?

जब दो लोग जो अलग-अलग जातियों से होते हैं, आपस में शादी करते हैं तो उसे अंतरजातीय विवाह कहा जाता है। जैसे- अगर कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति (SC) से है और दूसरा सामान्य (General) या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से है, और वे दोनों शादी करते हैं, तो यह एक अंतरजातीय विवाह होता है।

अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेते नवविवाहित जोड़ा

भारत में पारंपरिक रूप से लोग अपनी ही जाति में शादी करते हैं, लेकिन समय के साथ सोच बदल रही है। सरकार भी चाहती है कि सभी जातियों को बराबर सम्मान मिले, इसलिए ऐसे विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं भी लाई जाती हैं।

बिहार अंतरजातीय विवाह योजना के मकसद

इस योजना का सबसे बड़ा मकसद है समाज में जातियों के बीच भेदभाव को कम करना और आपसी समानता और भाईचारा बढ़ाना। बिहार सरकार चाहती है कि लोग जाति के नाम पर किसी को छोटा या बड़ा न समझें, बल्कि प्यार, समझदारी और भरोसे को आगे रखें।

इसलिए अगर कोई युवक या युवती अपनी जाति से अलग किसी और जाति के व्यक्ति से शादी करता है, तो सरकार उन्हें ₹2.5 लाख की आर्थिक मदद देकर उनके फैसले का सम्मान और हौसला बढ़ाती है। यह योजना सोच में बदलाव लाने की एक कोशिश है, ताकि आने वाले समय में समाज और भी ज्यादा समान और मजबूत बन सके।

योजना की संक्षिप्त जानकारी

योजना का नाम बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना 2025
उद्देश्य जातीय भेदभाव कम करना और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना
लाभार्थी अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े (SC और अन्य जाति के बीच)
प्रोत्साहन राशि कुल ₹2.5 लाख
पात्रता एक पक्ष SC जाति से हो, शादी रजिस्टर्ड हो, पहली शादी हो
जरूरी दस्तावेज शादी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, फोटो आदि
आवेदन कहां करें ekalyan.bih.nic.in या समाज कल्याण विभाग
आवेदन की समय सीमा शादी के 1 साल के अंदर आवेदन करना अनिवार्य

आखिर कौन लोग होंगे इस योजना के पात्र?

बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन होना चाहिए-

  1. पुरुष एवं महिला में एक पक्ष अनुसूचित जाति (SC) का होना चाहिए।
  2. दंपति की शादी रजिस्टर्ड (कानूनी रूप से पंजीकृत) होनी चाहिए।
  3. दोनों की उम्र न्यूनतम 18 (महिला) और 21 (पुरुष) वर्ष होनी चाहिए।
  4. शादी पहली बार हो रही हो (पहले से शादीशुदा व्यक्ति पात्र नहीं)।
  5. शादी की तारीख से एक वर्ष से अधिक समय नहीं बीता हो।
  6. लाभार्थी का बिहार का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।

Bihar Inter-Caste Marriage आवेदन प्रक्रिया

बिहार अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले शादी का पंजीकरण (रजिस्ट्री) कराना जरूरी है। शादी के बाद पति या पत्नी में से कोई भी ekalyan.bih.nic.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। फॉर्म भरते समय दोनों पति-पत्नी की जानकारी, जाति विवरण और बैंक खाता नंबर भरना होता है। साथ ही, शादी का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे जरूरी दस्तावेज़ भी अपलोड करने होते हैं।

यदि ऑनलाइन आवेदन संभव न हो, तो आप अपने जिले के समाज कल्याण कार्यालय या ब्लॉक कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भी जमा कर सकते हैं। आवेदन के बाद दस्तावेज़ों की जांच होती है और पात्र पाए जाने पर ₹2.5 लाख की सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेज दी जाती है।

आवेदन फॉर्म (Apply Form) क्लिक करें
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