मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना: बिहार के गरीब और साधारण परिवारों के लिए बेटी की शादी करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। न सिर्फ खर्चा, बल्कि शादी के लिए जगह की भी कमी होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने एक अनोखी योजना शुरू की है — हर पंचायत में विवाह भवन का निर्माण कराया जाएगा।
इस हॉल का इस्तेमाल गरीब परिवार बिना किसी शुल्क के अपनी बेटियों की शादी के लिए कर सकेंगे। इससे बेटी की शादी सम्मानजनक और गरिमामय तरीके से हो सकेगी, और परिवार पर आर्थिक बोझ भी कम होगा।
बिहार सरकार की इस पहल का मकसद
बिहार सरकार की इस योजना का मकसद है कि गरीब और सामान्य परिवारों की बेटियों की शादी को सम्मानपूर्वक और बिना आर्थिक बोझ के संपन्न कराया जा सके। आज भी गांवों में ऐसे हजारों परिवार हैं जो अपनी बेटियों की शादी सिर्फ इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास जगह या पैसे की कमी होती है। सरकार ने इसे गंभीरता से समझा और हर पंचायत में फ्री मैरिज हॉल बनवाने का फैसला किया।

इस फैसले से अब कोई भी बेटी सिर्फ इस डर से पीछे नहीं रहेगी कि शादी कहां होगी या कैसे होगी। यह योजना समाज में फिजूलखर्ची और दिखावे की परंपरा को भी तोड़ेगी और सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक आयोजनों को बढ़ावा देगी। सरकार का यह मानना है कि बेटी की शादी केवल एक पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की इज्जत से जुड़ा विषय है, और इस सोच को मजबूत करना ही इस योजना की असली भावना है।
24 जून 2025, मंगलवार को बिहार कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने राज्य की सभी 8,053 ग्राम पंचायतों में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ के तहत विवाह भवन (मैरिज हॉल) बनाने की मंजूरी दे दी है। इस योजना पर लगभग 4,026 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा –
“हम चाहते हैं कि बिहार की हर बेटी की शादी सम्मान से हो। अब कोई भी परिवार केवल पैसे या जगह की कमी के कारण बेटी की शादी में शर्मिंदगी महसूस न करे।”
योजना की मुख्य बातें- Overview
योजना का नाम | पंचायत स्तरीय विवाह भवन योजना |
शुरुआत (Launch date) | 24 जून 2025 |
उद्देश्य (Purpose) | गरीबों को शादी के लिए मुफ्त स्थान देना |
निर्माण | हर पंचायत में 1 भवन |
लागत | प्रति भवन ₹50 लाख तक |
कुल बजट | ₹4000 करोड़ |
उपयोग | शादी, सामूहिक विवाह, समाजिक कार्यक्रम |
संचालन | गांव के जीविका दीदियों द्वारा |
किसे मिलेगा लाभ?
इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो बिना किसी दिखावे के, सरल और गरिमा के साथ अपनी बेटियों की शादी करना चाहते हैं। साथ ही, सामूहिक विवाह करवाने वाले संगठन और समाजसेवी संस्थाएं भी इस भवन का उपयोग कर सकेंगी। यानी यह योजना केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव और समाज के लिए फायदेमंद होगी।
- गरीब और कमजोर वर्ग के परिवार
- जिनके पास खुद की शादी की जगह नहीं है।
- जिनके पास हॉल या टेंट बुक करने की क्षमता नहीं
- ग्रामीण क्षेत्र के लोग जहां संसाधन सीमित हैं।
आवेदन प्रक्रिया (Booking Process)
इस योजना के तहत फिलहाल किसी तरह का ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है। जब किसी परिवार को अपनी बेटी की शादी करनी होगी, तो वह सीधे अपने पंचायत कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी विवाह भवन की उपलब्धता की जानकारी देंगे और तारीख तय की जाएगी। सरकार का उद्देश्य यही है कि इस प्रक्रिया को पूरी तरह सरल और बिना भागदौड़ वाला बनाया जाए।
किसी भी तरह की बुकिंग या आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा। जो भी जानकारी या सहमति की जरूरत होगी, वह पंचायत स्तर पर ही पूरी कर दी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर परिवार से शादी की तारीख, लाभार्थी का नाम और कुछ सामान्य दस्तावेज मांगे जा सकते हैं, ताकि रिकॉर्ड रखा जा सके। पूरी कोशिश होगी कि किसी भी गरीब परिवार को बेवजह दौड़ न लगानी पड़े और समय पर हॉल की सुविधा मिल सके।
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FAQ’s
Q1. क्या ये भवन सभी के लिए मुफ्त होगा?
हां, यह योजना गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को मुफ्त सुविधा देने के लिए है।
Q2. आवेदन कैसे करना होगा?
फिलहाल सीधे आवेदन नहीं, शादी के समय पंचायत से संपर्क करना होगा।
Q3. क्या इसका उपयोग अन्य कार्यक्रमों में हो सकता है?
हां, सामूहिक विवाह, पंचायत बैठक, प्रशिक्षण आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
Q4. कब से यह योजना लागू है?
24 जून 2025 से इसका निर्माण शुरू हो गया है और आगे हर पंचायत में यह लागू होगा।